यूहन्ना की दूसरी पत्री "प्राचीन" की ओर से "चुनी हुई महिला और उसके बच्चों" के नाम लिखी गई थी, जिसका अर्थ संभवतः एक स्थानीय कलीसिया और उसके सदस्यों से है। इस पत्री का संक्षिप्त संदेश एक-दूसरे से प्रेम रखने का आग्रह करना और झूठे शिक्षकों तथा उनकी शिक्षाओं के विरुद्ध चेतावनी देना है।
लेखक पाठकों को प्रेम और सत्य में चलने के महत्व के लिए प्रोत्साहित करता है और साथ ही उन झूठे धर्मसिद्धांतों से बचने की चेतावनी देता है जो उनकी आध्यात्मिक स्थिति को कमजोर कर सकते हैं।
सुसमाचार का सारांश:
१. भूमिका (१–३)
२ प्रेम की प्रमुखता (४–६)
३ झूठे धर्मसिद्धांतों के विरुद्ध चेतावनी (७–११)
४. उपसंहार (१२,१३)
यह पत्री कलीसिया के सदस्यों को अपने आध्यात्मिक जीवन में सच्चाई और प्रेम की रक्षा करने के लिए जागरूक करती है।
अध्याय पढ़ने के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
0 टिप्पणियाँ